गलत संगती से बच्चों को आजाद कराने का महा उपाय व वास्तु टिप्स ?

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गलत संगती से बच्चों को आजाद कराने का महा उपाय व वास्तु टिप्स ?

 

हमारे शास्त्रों मे कहा गया है कि 12 साल की उम्र तक के बच्चों को डांटना भी नहीं चाहिए, उसके ग्रहों की और शरीर की औरा, ऊर्जा का तत्व बहुत कमजोर और बढ़ती हुई मुद्रा मे होता है, इसीलिए आप अपने बच्चो की शैतानियों को अच्छी संगत देकर उन्हे ठीक करें, डांटें नहीं, और मारें तो कभी भी नहीं। बचपन खिलेगा तभी बच्चे बढ़ेंगे, अन्यथा बच्चे ऐसे फूल होते हैं अगर उन्हे सही से समझा न जाए तो खिलने से पहले मुरझा जाते हैं, आप अपनी समझ से अपने बच्चों को बेस्ट ज़िंदगी देने की कोशिश करते हैं लेकिन हर बार आप अर्थात माता-पिता कामयाब नहीं होते हैं।

 

बढ़ती हुई आधुनिकता की दौड़ मे आज कल बच्चे आज सच्चाई से अलग होते जा रहे हैं, पहले माता-पिता की चिंता यह होती थी कि पता नहीं मेरे बच्चे को अच्छी नौकरी या अच्छा व्यवसाय मिलेगा या नहीं उसके लिए वो बचपन से ही अच्छे से पढ़ाई या काम करवाते थे, लेकिन आज के समय मे माता-पिता बहुत छोटी उम्र मे ही अपने बच्चो को लेकर परेशान होने लगे हैं क्योंकि जैसे-जैसे जमाना आधुनिकता का चोला पहनता जा रहा है वैसे-वैसे संस्कार शब्द को ही भूलते जा रहे हैं और संस्कार जैसे शब्द जूतों और चप्पलों पर लिखे जाने लगे हैं, नतीजा बहुत खतरनाक होता जा रहा है। गलत संगती

 

बहुत सारे बच्चे तो इसलिए बिगड़ जाते हैं क्योंकि यदि बचपन मे उन्हे सही से समझा न गया हो, और उनके ऊपर पड़ने वाली छाप को समझा न गया हो तो वो माता-पिता से बहुत कुछ छुपाने लगते हैं, एक फिल्म आई थी ऋषि कपूर की जिसका नाम था दो दूनी चार जिसमे एक बेटा क्रिकेट की बेटिंग गंदी संगत मे पड़ जाता है और जब उसे लगता है कि वो गलत जा रहा है तो वो अपने पापा से माफी मांगता है और फिर ऋषि कपूर अपने उस बेटे के द्वारा कमाए पैसे को गरीबों मे बँटवा देते हैं और बेटे को कहते हैं कि मेरी ही गलती थी, कि मैंने तुझे समझा नहीं, आप उस फिल्म को जरूर देखें, जिससे आप अपने बच्चे की गलती पर उसको डांटें नहीं बल्कि उसको समझें कि वो गलत रास्ता क्यों चुन रहा है।

माता-पिता का कर्तव्य होता है कि वो अपने बच्चों को सुत-धर्म सिखाएँ,कि समाज और देश के अच्छे और सभ्य नागरिक कैसे बनें, अपने बच्चो को अपनी बातों और मुंह से हथियार से रिपेयर करने की कोशिश ना करें, फूल को केंची से काटोगे तो वो खराब हो जाएगा, इसी तरह से बच्चो के साथ समझदारी से पेश आयें, आप उन्हे एक सही संगति देने की कोशिश करें, जिसमे वो अपने आप सही से ढल जाएंगे, उन्हे उस अच्छी संगत मे स्वयं के बारे मे समझ आने लगेगा, कि उन्हे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, माता-पिता जितनी ज्यादा शिकायत अपने बच्चों की दूसरों से करते हैं उतना ज्यादा ही उनके बच्चे उनसे कटने लगते हैं चिढ़ने लगते हैं, इसीलिए हर बार बच्चों के उपाय करने की जरूरत नहीं होती है, बहुत बार माता-पिता को खुद के उपाय और खुद को ठीक करने के उपाय करने होते हैं, और 20% तक ही बच्चे गलतियाँ करते हैं, बचपन होता ही इसीलिए जिसमे वो कुछ न कुछ करके सीख रहे होते हैं, इसीलिए अपने बच्चों को सही समाज, अच्छे दोस्त, अच्छी संगति चुनना सिखाएँ। गलत संगती
महा उपाय व वास्तु टिप्स
1- अपने बच्चों को कभी ना डांटें, बल्कि उन्हे अच्छे बुरे कार्य, और संगति स्वयं चुनना सिखाएँ।
2- बच्चों के सोने का कमरा साउथ-वेस्ट मे रखें, इससे आपका बच्चा अपने परिवार के ही संस्कार लेगा, किसी बाहर वाले के प्रभाव मे जल्दी से नहीं आयेगा।
3- घर की नॉर्थ-ईस्ट दिशा मे स्टोर न बनाएँ, और बच्चे का ज़्यादातर समान पूर्व दिशा मे रखें।
4- जन्म कुंडली मे बुध, चन्द्र, गुरु और मंगल के उपाय जरूर करें।
5- 18 साल की उम्र तक के बच्चे जो कि पढ़ाई कर रहे हैं वो ईस्ट की तरफ सिर करके सोएँ।
6- यदि आपको अपनी बच्ची की चिंता है तो आप अपने घर की साउथ-ईस्ट मे उसका कमरा बनाएँ, और वहाँ पर नीला रंग, काला रंग, पानी का कोई भी स्टोर न बनवाएँ और वहीं पर आपकी बच्ची सोये उसका कमरा वहीं बनाएँ इससे वो हमेशा बोल्ड रहेगी, लेकिन उसका कुछ समान और अपने साथ की फोटो एक ऑफ व्हाइट फ्रेम मे बनवाकर घर के साउथ-वेस्ट मे जरूर रखें।
7- बच्चों को नॉन वेज बिलकुल ना दें, और जीवन भर के लिए आपका बच्चा नॉन-वेज छोड़ देता है तो उसकी सेहत और करियर के लिए अच्छा होगा।

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